भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्यों द्वारा राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से भुगतान करने के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि तय की है। इससे पहले, याचिकाकर्ता की 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की मांग को खारिज करते हुए, एनडीएमए (NDMA) को छह सप्ताह के भीतर मात्रा निर्धारित करने व राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (National Disaster Response Fund) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (State Disaster Response Fund) से भुगतान की जाने वाली राशि का निर्धारण करने के लिए कहा गया था।
मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने यह साफ किया है कि जितने भी लोगों की Covid-19 के कारण मृत्यु हुई है, उनके फैमिली मेंबर को ₹50000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी व साथ ही साथ इसमें हेल्थ वर्कर्स (health workers) और फ्रंटलाइन वर्कर्स (frontline workers) को भी इसमें शामिल किया जाएगा। लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके पास कोविड-19 का डेथ सर्टिफिकेट (Covid-19 death certificate) होना चाहिए। मतलब कि जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है उसकी मृत्यु कोविड-19 के कारण ही हुई हो, अगर इसके अलावा कोई दूसरा कारण हो लेकिन कोविड-19 के समय ही मृत्यु हुई है तो उनको इसमें यह राशि प्रदान नहीं की जायेगी।

दावाकर्ताओं को राहत राशि प्राप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे जिसके पश्चयात पात्र लोगों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से राशि मिलेगी। Disaster Management act of 2005 के अनुसार State Government Authority के अन्दर State Disaster Response Fund के द्वारा हर एक व्यक्ति जिसकी मृत्यु हुई है उसके घर वालों को ये राशि (Amount) दी जायेगी।
इसमें हर एक राज्य सरकार एक प्रकार का फॉर्म निकालेगी और उस व्यक्ति के फैमिली मेंबर को उस फॉर्म को भरकर जो भी निर्दिष्ट दस्तावेज़ हैं उनको जमा करना होगा। सबसे महत्त्वपूर्ण डॉक्यूमेंट इसमें कोविड-19 का मृत्यु प्रमाण पत्र है। इसके साथ ही साथ केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि District Disaster management Authority को इस बात का ध्यान देना है कि जो भी दावा (claim), सत्यापन (verification), संवितरण (disbursal) किए जाएं वे पारदर्शी तरीके से हो व लोगों के अनुकूल (people friendly) हो।
इसके साथ साथ डॉक्यूमेंट जमा होने पर 30 दिन के अंदर ही दावाकर्ताओं के अकाउंट में आधार लिंक के द्वारा 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि आ जानी चाहिए।
अगर दावाकर्ताओं के पास डेथ सर्टिफिकेट नही है तो इसके लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर एक कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें अपर जिला कलेक्टर (Additional district collector), मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Chief Medical Officer) व अन्य गणमान्य शामिल होंगे जो दावाकर्ताओं की गुहार को सुनेंगे व निर्णय पर आयेंगे की दावाकर्ता को वास्तव में डेथ सर्टिफिकेट मिलना चाहिए या नहीं।
देश में लगभग 4.5 लाख कोविड की मृत्यु दर्ज करने के साथ, इसका वित्तीय बोझ राज्यों के लिए 2,250 करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगा, जिसमे सेबड़े पैमाने पर धन भारत सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। सबसे अधिक कोविड मौतों की रिपोर्ट करने वाले शीर्ष 10 राज्य महाराष्ट्र (1.38 लाख), कर्नाटक (37,000), तमिलनाडु (35,000), दिल्ली (25,000), यूपी (23,000), केरल (22,500), पश्चिम बंगाल (19,000), पंजाब (16,000), आंध्र प्रदेश (14,000) और छत्तीसगढ़ (13,500) हैं।