14 सितम्बर 1949 को ही हिंदी (Hindi) को भारत (India) की कार्यकारी और राजभाषा का दर्जा अधिका आधिकारिक रूप से दिया गया था। हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान (constitution) द्वारा आधिकारिक भाषा (formal language) के रूप में इस्तेमाल करने के विचार को मंजूरी दी गई, परन्तु पहला हिंदी दिवस (Hindi divas) 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। उसके बाद से लेकर आज तक देश में हर साल 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिंदी शब्द फारसी शब्द ‘हिंदी’ से बना है, जिसका अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’। हिंदी भाषा की पहुंच भारत तक ही सीमित नहीं है, यह विश्वभर के कई देशो मे प्रयोग की जाने वाली भाषा है। ऐसा माना जाता है कि पहली आधुनिक देवनागरी लिपि 11वीं शताब्दी में अस्तित्व में आई व 19वीं शताब्दी में हिंदी का मानकीकरण किया गया था।
हिंदी भारत की सबसे प्रमुख भाषा है। भारत में लगभग 70% लोग हिंदी बोलते हैं और समझते हैं। हिंदी दिवस (Hindi divas), हिंदी के प्रति लोगों में इसके महत्व के प्रति जागरूकता बनाए रखने के मकसद से मनाया जाता है। जनगणना के अनुसार मूलतः कुल जनसंख्या का 43.63 % हिंदी भाषी है।

हिन्दी दिवस (Hindi divas) की शुरुआत
14 सितंबर, 1949 को हिन्दी भाषा को देश की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इस दिन भारत की संविधान सभा में देवनागिरी लिपि में लिखी गई हिन्दी भाषा को आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था, इसलिए तब से लेकर आज तक हमारे देश भारत में इस दिन को हिन्दी दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह निर्णय भारत के संविधान द्वारा स्वीकृत किया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। अनुच्छेद 343, भारतीय संविधान के अनुसार, देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया था।
इतिहास
1918 में गांधी जी (Mahatma Gandhi) ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था। सन् 1949 में स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जिसमें उल्लेख है कि हिन्दी देवनागरी लिपि संघ की राजभाषा है।
भारत के साथ-साथ नेपाल (Nepal), अमेरिका (America), मॉरीशस (Mauritius), फिजी (Fiji), सूरीनाम (Surinam), युगांडा (Uganda), दक्षिण अफ्रीका (South Africa), यमन (Yemen), सिंगापुर (Singapore), पाकिस्तान (Pakistan) और न्यूजीलैंड (New Zealand) समेत दुनिया के कई देश हैं जहां हिंदी बोली जाती है। हिंदी भाषा मंदारिन (Mandarin), स्पेनिश (Spanish) और अंग्रेजी (English) के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भाषा है।
हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए कई कार्यकर्ताओं, कवियों और लेखकों ने बहुत प्रयास किए। इनमें मैथिली शरण, बेहर राजेंद्र सिम्हा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर और सेठ गोविंद दास शामिल हैं।
हिन्दी दिवस (Hindi Divas) मनाने के मुख्य उद्देश्य:
- हिन्दी के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना।
- अपनी राष्ट्रभाषा के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना।
- आज की युवा पीढ़ी को हिन्दी के महत्व को समझाना।
- अपनी मातृभाषा की रक्षा और उसका विकास करना।
- हिन्दी की तरफ लोगों का ध्यान आर्कषित करना।
- हिन्दी भाषा को उचित दर्जा दिलवाना।
हिन्दी (Hindi) के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने वाला पहला भारतीय राज्य बिहार था।
- हिंदी की लोकप्रियता हर साल 94 प्रतिशत बढ़ रही है क्योंकि यह वेब एड्रेस (web address) बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सात भाषाओं में से एक है।
- भारत के बाहर के देशों में हर दिन लगभग 25 हिंदी पत्रिकाएं और समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं।
- दुनिया भर के 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी को एक भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है।
- दुनिया का पहला हिंदी टाइपराइटर 1930 के दशक में बनाया गया था।
- हिंदी एक हिंदी शब्द नहीं है बल्कि फारसी है और सिंधु नदी की भूमि को परिभाषित करती है।
- हालांकि हिन्दी भाषा व्यापक रूप से बोली जाती थी, लेकिन हिन्दी भाषा को वर्ष 1949 में आधिकारिक मान्यता मिली। इसे भारत के संविधान में 14 सितंबर 1949 को अपनाया गया था । पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) ने इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।
- हिंदी न केवल भारत की बल्कि दो और देशों की राजभाषा भी है, यह देश फिजी (Fiji) और पाकिस्तान (Pakistan) है।
- हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) व् हिंदी अल्फाबेट (Hindi Alphabet) में 52 वर्ण हैं, जबकि अंग्रेजी वर्णमाला व् अंग्रेजी अल्फाबेट (English alphabet) में सिर्फ 26 वर्ण ही हैं।
- क्या आप जानते हैं ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में ‘अच्छा’, ‘सूर्य नमस्कार’ जैसे कई हिंदी शब्द भी शामिल किए गए हैं।
वर्तमान में क्यों पिछड़ रही है हिन्दी
आप देख रहे होंगे कि आजकल हिन्दी भाषा के प्रति लोगों की दिलचस्पी कम होती जा रही है। आज की युवा पीढ़ी अंग्रेजी बोलना अपना स्टेटस मानते हैं, जबकि हिन्दी भाषा का प्रयोग करना अपना अपमान समझते हैं। इसके साथ ही हिन्दी बोलने वाले लोगों को आजकल उतनी तवज्जों नहीं मिलती है जितनी की अंग्रेजी में बात करने वालों को सम्मान और इज्जत दी जाती है।
हिन्दी हमारी मातृभाषा जरूर है, लेकिन वर्तमान परिवेश में इसकी महत्वता दिन प्रति दिन कम होती जा रही है। आजकल हर क्षेत्र में बढ़ती अंग्रेजी की डिमांड के चलते हिन्दी भाषा का महत्व कम होता जा रहा है। आजकल करियर बनाने के लिए सबसे पहले अंग्रेजी भाषा पर कमांड होना अत्यंत है, क्योंकि किसी भी बड़ी कंपनी, बड़े होटल, संस्थान या फिर स्कूल, कॉलेजों में हर जगह अंग्रेजी भाषा का ही प्रचलन है।
इसलिए आजकल के अभिभावक भी अपने बच्चों के सफल करियर और अंग्रेजी भाषा की बढ़ती जरूरत के चलते अपने बच्चों का दाखिला भी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में करवा रहे हैं और इंग्लिश को ही तवज्जो दे रहे हैं, जिसके चलते हिन्दी का प्रचलन कम होता जा रहा है। इसलिए, अपनी राष्ट्र भाषा हिन्दी के महत्व को समझाने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।