Tokyo Olympics में भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर एक नजर

ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics) में भारत ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण सहित सात पदक अपने नाम किए। जिनमें दो सिल्वर पदक और चार कांस्य पदक शामिल है। आइए डालते हैं नजर इस बार के ओलंपिक विजेताओ के प्रदर्शन पर।

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1) Neeraj Chopra (Gold)- Men’s Javelin thrower

भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले देश के पहले ट्रैक और फील्ड एथलीट बन गए। उन्होंने 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। नीरज की उपलब्धि के साथ, भारत ने ओलंपिक में सबसे अधिक पदक जीतने का अपना नया रिकॉर्ड भी बनाया। लंदन में 2012 के रिकॉर्ड को पार करते हुए, इस प्रकार कुल सात पदकों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया।

इस उपलब्धि के बाद वह ओलिंपिक में स्वर्ण जितने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय भी बन गये हैं।

2) Mirabai Chanu (Silver)- Weightlifting Women’s 49kg

मणिपुर की भारोत्तोलक ने 24 जुलाई को प्रतियोगिताओं के पहले दिन भारत का खाता खोलने के लिए 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर भारोत्तोलन में पदक के लिए 21 साल के इंतजार को समाप्त करते हुए पूरे देश का उत्साह बढ़ाया।

इंफाल से लगभग 20 किलोमीटर दूर नोंगपोक काकचिंग गांव में एक गरीब परिवार में जन्मी मीराबाई चानू का बचपन पास की पहाड़ियों से लकड़ी काटने और इकट्ठा करने, उन्हें खुद ढोने और दूध पाउडर के डिब्बे में पास के तालाबों से पानी लाने में बीता।

3) Ravi Dahiya (Silver) – Wrestling Men’s 57kg freestyle

हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव में पैदा हुए 23 वर्षीय पहलवान ने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश किया।

वह तभी प्रमुखता से उभरे जब उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के प्रयास के साथ टोक्यो खेलों के लिए क्वालीफाई किया। 2020 में एशियाई चैंपियनशिप जीतने और फिर इस साल खिताब का बचाव करने के बाद से उनका कद लगातार बढ़ा है।

4) PV Sindhu (Bronze) – Badminton Women’s singles

टोक्यो ओलंपिक में पदक की सबसे मजबूत दावेदारों में से एक, पीवी सिंधु ने एक बार फिर से अच्छा प्रदर्शन कर ब्रॉन्ज पदक हासिल किया।

26 वर्षीय पीवी सिंधु ने पांच साल पहले रियो ओलंपिक में जीते रजत के बाद ओलंपिक 2020 में महिला एकल का कांस्य पदक जीत कर अपना नाम भारत के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में दर्ज किया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

5) Men’s hockey team (Bronze)

41 साल के लम्बे इंतजार के बाद भारत की पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। 1980 के मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से यह खेलों में भारत का पहला पोडियम फिनिश था। यह खेलों में भारत का तीसरा कांस्य और कुल मिलाकर 12वां हॉकी पदक था।

134 मैचों में से 83 जीत के साथ भारत का ओलंपिक इतिहास में सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन भी है। भारत ने किसी भी अन्य टीम की तुलना में ओलंपिक में सबसे अधिक गोल किए हैं। भारतीय टीम 1928 और 1956 में एक भी गोल गंवाए बिना ओलंपिक जीतने वाली एकमात्र टीम भी है।

6) Lovlina Borgohain (Bronze) – Boxing: Women’s Welterweight

अपने पहले ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करते हुए, बोर्गोहेन ने कांस्य पदक जीतकर भारतीय महिला मुक्केबाजी के इतिहास में खुद के लिए एक जगह बनाई। यह टोक्यो खेलों में भारत का एकमात्र मुक्केबाजी पदक भी है।

असम के गोलाघाट जिले के बारो मुखिया गांव में पली-बढ़ी 23 वर्षीया अपनी दो बड़ी बहनों की तरह बॉक्सिंग में जाने से पहले किकबॉक्सर हुआ करती थीं।

इस उपलब्धि के साथ, वह विजेंदर सिंह और एमसी मैरी कॉम के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज बन गईं हैं।

7) Bajrang Punia (Bronze) – Wrestling: Men’s 65kg freestyle

ओलंपिक में पदक के सबसे मजबूत दावेदारों में से एक बजरंग, स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बनने की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए, लेकिन कांस्य पदक के साथ टोक्यो से वापसी करने मे सफल रहे।

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