2031 तक भारत की Nuclear Power Capacity होगी 3 गुना

भारत में न्यूक्लियर पॉवर क्षमता (nuclear power capacity) को और तेजी से बढ़ावा देने के लिए सरकार ने काफी बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि आने वाले 10 साल के भीतर भारत (India) की अभी की जो न्यूक्लियर पॉवर क्षमता (capacity) है 10 साल के बाद हम इसे 3 गुना कर देगें जो 22 गीगा वॉट से भी ज्यादा की होगी और ये अपने आप में ही काफी ज्यादा क्षमता (capacity) हो जायेगी।

आपको बता दें कि हाल ही में 28 जुलाई को केंद्रीय परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री ( Union minister of State for Atomic energy) डा. जितेंद्र सिंह जी ने ये कहा है कि और भी ज्यादा न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स की योजना बनाई जाएगी, विद्युत उत्पादन के लिए। लोकसभा में जवाब देते हुए उन्होंने लिखा है कि अभी फिलहाल हमारी क्षमता (capacity) 6,780 मेगा वॉट है, जहा पर 22 न्यूक्लियर रिएक्टर अभी फिलहाल पूरी तरह से काम कर रहे है। इसी साल जनवरी के महीने में kapp 3 न्यूक्लियर रिएक्टर को भी सक्रिय (active) कर दिया गया था। इसे ग्रिड से जोड़ दिया गया था। इसके अतिरिक्त 10 न्यूक्लियर रिएक्टर जिसकी कुल क्षमता 8000 मेगा वॉट होगी वो भी अभी फिलहाल विभिन्न चरणों में निर्माणाधीन (under construction) की स्टेज में है।

आपको पता ही होगा कि भारत में अभी काफी सारे न्यूक्लियर रिएक्टर बनाए जा रहे है रशियन टेक्नोलॉजी को उपयोग करते हुए। वास्तव में इसे पहले भी खबर आई थी कि फ्रेंच टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए भारत में न्यूक्लियर बिजली संयंत्र बनाए जा रहे है।

इसके अलावा सरकार ने ये भी कहा है कि वो भविष्य में और भी ज्यादा बिजली संयंत्र को खोलने के बारे मे सोच रहे है। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात ये है कि इस तरह के जो महत्वपूर्ण न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स होते है उनकी सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता में रहनी चाहिए। इसी बारे में मंत्री ने कहा है की यहा पर डिजाइन, निर्माण, कमीशन, कार्यवाही इन सब पर खास ध्यान दिया जाएगा ताकि सुरक्षा को हम सर्वोच्च प्राथमिकता दे सकें।

यहा पर अतिरेक का सुरक्षा सिद्धांत, विविधता, सुरक्षित डिजाइन, गहराई दृष्टिकोण ऐसे कई तमाम पहलू से कोई समझौता नही किया जाएगा। और जैसे की आपको पता ही होगा कि न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स से ऊर्जा उत्पन्न करना काफ़ी कुशल और एक साफ मोड है, लेकिन यहा पर सुरक्षा से बिल्कुल भी समझौता नही किया जा सकता। इसलिए यहा पर उच्च शिक्षित व्यक्ति को ही रखा जाएगा।

अंतिम में सरकार ने खर्च के बारे में खा है कि वो अभी फिलहाल इस फाइनेंशियल ईयर में 18,000 करोड़ रूपीज खर्च करने के लिए तैयार है जारी प्रोजेक्ट्स में और काफी हद तक ये फंडिंग मिक्स भी होंगी। इन्हे काफ़ी सारी एजेंसी से उधार भी लिया जायेगा।

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