उत्तराखंड सरकार ने समय रहते भूकंप अलर्ट देने वाला ऐप (Bhookamp Alert app) लॉन्च किया है। इस एप को कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर सकता है और भूकंप की परिस्थिति में कुछ समय पहले एक वार्निंग आपको दे दी जाएगी ताकि वो समय रहते अपना बचाव कर सके।
उत्तराखण्ड सरकार ने बुधवार को ” उत्तराखण्ड भूकम्प अलर्ट (Uttarakhand bhookamp alert)” नाम से एक भूकंप अलर्ट ऐप लॉन्च किया, जो ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। ये ऐप (App) एंड्रॉयड(Android) और आईओएस (IOS) दोनों प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

ऐप को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की द्वारा विकसित किया गया था। यह ऐप भूकंप से पहले लोगों को पूर्व चेतावनी संदेश भेजेगा। यह भूकंप के दौरान फंसे लोगों के स्थान का पता लगाने में भी मदद करेगा और संबंधित अधिकारियों को अलर्ट भेजेगा। भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रणाली का भौतिक आधार भूकंपीय तरंगों की गति है, जो दोष आंदोलन से तनाव मुक्त होने के बाद फैलती है।
How Do EEW (Earthquake Early Warning) System’s Work? (EEW System कैसे काम करता है?)
भूकंप प्रोमो चेतावनी प्रणाली भूकंप की भविष्यवाणी नहीं करती है इसके बजाय जैसे ही भूकंप शुरू होता है वह जमीनी गति का पता लगाते हैं और जल्दी से अलर्ट (alert) भेजते हैं कि एक झटका आ रहा है जिससे लोगों की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सेकंड मिलते हैं।
भूकंप के दौरान भूकंप के केंद्र से कई तरह की भूकंपीय तरंगे निकलती हैं यह भूकंप तरंगे सेंसर को स्वीकार करती हैं जो बदले में डाटा प्रोसेसिंग केंद्रों को सिग्नल भेजती है।
इससे उन प्रॉसेसिंग केंद्रों मे एल्गोरिथम भूकंप के स्थान पर परिमाण और तीव्रता का शीघ्रता से अनुमान लगाते हैं। सिस्टम धीमी गति से पहले अलर्ट भेजता है, लेकिन अधिक विनाशकारी एस तरंगे (Secondary wave) और सतह तरंग आती है।
(Secondary wave) एस तरंगे स्पीड में तेज नही होती है, प्राइमरी तरंग (Primary wave) की तुलना में लेकीन ये नुकसान को बहुत ज्यादा हद तक रोक सकती हैं। इस वजह से एस तरंग (Secondary wave) के आने पर नुकसान ज्यादा ना हो इसीलिए प्राइमरी तरंग (Primary wave) के पहुंचते ही वार्निंग सिस्टम जारी हो जाता है। जितनी देर में एस तरंग (Secondary wave) पहुंचती है काफ़ी हद तक लोगों तक ये मैसेज पहुंच जाता है की भूकंप आ रहा है।
जैसे ही भूकंप शुरू होता है और प्राइमरी तरंग निकलती है उससे 3 से 5 सेकंड के बाद यह ऐप पूर्व चेतावनी अलर्ट आमतौर पर जारी कर दिया जाता है। इतना ही समय लगता है प्राइमरी भूकंप (Primary wave) की तरंगों को जाने में भूकंपीय तरंगों को निकटतम स्टेशन तक जाने में और कंप्यूटर का डाटा का विश्लेषण करने में।
यदि आप भूकंप के केंद्र से 10 मील से कम दूरी पर है, तो आपको चेतावनी मिलने की संभावना नहीं है। वैश्विक स्तर पर से शेकअलर्टता आदि जैसे एप्स को केवल मजबूती झटकों के लिए अलर्ट भेजने के लिए डिजाइन किया गया है।
निम्न लिंक द्वारा उत्तराखण्ड भूकम्प अलर्ट ऐप Download करें