एशिया की पहली flying car लॉन्च करेगा भारत

भारत के अंदर बहुत जल्द आप hybrid flying car देख पाएंगे। यह एशिया की पहली flying car होगी जो की भारत (Bharat) मे लांच होगी। Hybrid flying cars का मतलब है कि यह सड़क पर तो चल ही सकती है उसके साथ साथ इसके द्वारा उड़ते हुए भी एक जगह से दूसरी जगह पर जाया जा सकता है।

नागरिक उड्डयन मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने ट्वीट करके बताया कि उन्हें पहली बार एशिया की hybrid flying car के मॉडल से इंट्रोड्यूस किया गया है और ये चेन्नई बेस्ड स्टार्टअप विनता एयरोमोबिलिटी (Vinata Aeromobility) के द्वारा बनाया गया है। इसके तहत भारतीय आने वाले समय में उड़ते हुए एक जगह से दूसरी जगह पर जा सकते हैं। इसके साथ साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह भी कहा है कि एक बार अगर ये शुरु हो जायेगा तो इसके माध्यम से लोगों को तो ट्रांसपोर्ट किया ही जा सकता है व इसके साथ साथ इसके माध्यम से कार्गो, मेडिकल इमरजेंसी सर्विसेज के क्षेत्र मे भी काफी ज्यादा मददगार साबित हो सकता है।

कैसी होगी भारत की flying car

यह flying car चेन्नई (Chennai) में स्थित एक स्टार्टअप कंपनी (start-up company) विनता एयरोमोबिलिटी (Vinata Aeromobility) द्वारा बनाया गया है। इसको पहली बार 5 अक्टूबर को लंदन (London) में दुनिया के सबसे बड़े हेलिटेक प्रदर्शनी (Helitech Exhibition) में इसे लॉन्च किया जायेगा।

कंपनी के द्वारा कहा जा रहा है कि इसका अनुभव काफ़ी ज्यादा अविश्विनीय (incredible) होने वाला है। यह कार कई तरह के आधुनिक संसाधनों से लैस होगी, इसमें आर्टिफिशियल्स इंटेलिजेंस (artificial intelligence) की मदद से काफ़ी सारी चीज़े बनाई गई हैं। इस मशीन को संचालित (operate) करना बहुत ही परेशानी रहित (hassle free) होगा। साथ ही साथ इसके अन्दर आलीशान सुविधाएं (luxurious facilities) भी देखने को मिलेंगी। इसके अलावा दिखने में आकर्षक बाहरी (visually appealing exterior), जीपीएस ट्रैकर (GPS tracker), मनोरंजन प्रणाली (entertainment system) भी देखने को मिलेगा।

इस कार का भार 1100 kg है व इसका टेकऑफ़ वजन (take off weight) 1300 kg होगा। इसकी खास बात Vertical Take off & Landing है। इसमें चारों तरफ आपको इसके पंख देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा इसकी क्रूज गति सीमा (cruise speed range) 100 से 120 किलोमीटर/ घंटे है। इसमें 2 पैसेंजर आसानी से ट्रैवल कर सकते हैं।

अगर हम इसके अधिकतम समय की बात करें तो ये 60 मिनट तक उड़ सकता है। 3000 फीट की ऊंचाई तक ये जा सकता है और साथ ही साथ कंपनी का ये भी कहना है कि इसको चलाना काफ़ी ज्यादा टिकाऊ (sustainable) है क्योंकी ये जैव ईंधन (Biofuel) की मदद से ऑपरेट किया जा सकता है।

इसको वितरित विद्युत प्रणोदन (Distributed Electric Propulsion) के द्वारा चलाया जाता है। वितरित विद्युत प्रणोदन का मतलब है कि इसके अन्दर एकाधिक मोटर्स और प्रोपेलर (multiple motors and propellers) लगे हुए हैं। जिसकी मदद से अगर एक इंजन खराब हो जाता है तो दूसरा वाला तुरंत एक्टिवेट हो जायेगा। जिसकी वजह से ये काफ़ी ज्यादा सुरक्षित बताया जा रहा है।

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