खुद को करें बिजली गिरने (lightning) से सुरक्षित

वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन (climate change) के कारण पूरे भारत (India) में बिजली गिरने (lightning) की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। सरकारी आंकड़े के अनुसार देश में हर साल बिजली गिरने की घटनाओं में लगभग ढाई हजार लोग मारे जाते हैं। अमेरिका (America) से इसकी तुलना करें तो वहां इससे लगभग 45 लोग ही मरते हैं।

ऐसे प्रमाण मिल रहे हैं कि बिजली गिरने की घटनाएं गांव के साथ-साथ अब शहरों में भी आम होती जा रही है। ये बात इसलिए भी गंभीर है क्योंकि आने वाले वर्षों में भारत के शहरों की आबादी तेजी से बढ़ेगी।

ऐसा माना जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन और स्थानीय स्तर पर पृथ्वी की सतह (earth surface) गर्म होने और अधिक नमी के कारण बिजली गिरने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है।अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन दूर नहीं जब आग के ये गोले सघन आबादी वाले इलाकों में गिरेंगे व हजारों की तादाद में लोग मारे जाएंगे। इसीलिए हमें व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर मिलकर जलवायु संरक्षण (climate protection) के कदम उठाने होंगे।

बिजली गिरते (lightning) समय क्या करें?

बिजली गिरने की घटनाएं पूरी दुनिया में बढ़ रही है। ब्रिटिश (British) मौसम विभाग की वेबसाइट के अनुसार दुनिया भर में हर दिन 30 लाख से ज्यादा बार बिजली गिरती है। इसका मतलब है कि हर सेकेंड में 44 बार कहीं ना कहीं बिजली गिर रही है। इस हिसाब से देखें तो साल में औसतन एक अरब 40 करोड़ बार बिजली गिरती है। जब भी बादलों को गरजता हुआ देखें तो कुछ बातों पर ध्यान दें।

  1. बड़ी इमारत या कार में शरण लें।
  2. खुली जगह से दूर रहिए।
  3. शरण लेने के लिए अगर कोई जगह ना मिले ना हो तो अपने पैरों को मोड़ कर बैठ जाइए और खुद को छोटे से छोटे आकार दें।
  4. पहाड़ियों की चोटियों पर ना रहे।
  5. किसी ऊंचे पेड़ के नीचे ना खड़े हो।

अगर आप चाहते हैं कि बिजली गिरने की घटनाएं कम हो तो अपने पर्यावरण को बचाने में मदद कीजिए। जंगलों को काटना (deforestation), जल स्रोतों (water sources) का सूखना, सब जगह कंक्रीट (concrete) और औद्योगिकरण (industrialisation), ग्रीन हाउस गैसों (greenhouse gases) का ज्यादा उत्सर्जन ऐसी घटनाओं मे वृद्धि का कारण माना जा रहा है।

आसमान से गिरने वाली बिजली में एक अरब वोल्ट (1 billion Volts) तक की ताकत होती है और जब ये इमारतों पर गिरती है तो उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाती है। इसी साल राजस्थान (Rajasthan) में ही चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक किला भी इसका शिकार बना। बिजली गिरने से किले के एक स्तंभ से बड़ा सा पत्थर का टुकड़ा जमीन पर आकर गिरा। अब यहां मरम्मत का काम चल रहा है लेकिन सैकड़ों साल पुराने बने किले के एक हिस्से को पहले की तरह बनाना एक चुनौती है।

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