देहरादून में बेरोजगार युवा लगातार ukpsc द्वारा कराई गई पटवारी लेखपाल का पेपर लीक होने के बाद से ukpsc की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं । उनका कहना है की पहले जांच हो और फिर परीक्षाएं जिसको लेकर बीती रात से ये सारे युवा प्रदर्शन कर रहे थे और इन्हे जबरन उठवाया गया जिसके बाद आज आक्रोश में युवाओं ने घंटाघर पर चक्का जाम कर दिया ।देखते ही देखते मामला इतना गरमा गया की पुलिस और युवाओं में झड़प शुरू हो गई । पुलिस द्वारा लाठी चार्ज और युवाओं द्वारा पत्थर बाजी इस कदर बढ़ी की सड़के लहू के रंग में डूब गई । इसमें कई युवा साथ ही कई पत्रकार भी गायल हुए । और तो और पुलिस कर्मी भी ईट का जवाब पत्थर से देते हुए नज़र आए । जिसकी अब हर जगह निंदा की जा रही है अब सवाल ये है की
आखिर इसमें सही और गलत कौन ?
आखिर कौन है इसका जिम्मेदार ?
क्या युवाओं की मांग गलत है ?
क्या यही दिन देखने के लिए देवभूमि उत्तराखंड की स्थापना हुई थी ?