WHO के द्वारा एक नए कोरोना वैरिएंट (Covid variant) को नाम दिया गया है। कोरोना वायरस (corona virus) के वैरिएंट तो बनते रहते हैं और नष्ट होते रहते हैं। लेकीन कुछ वैरिएंट ऐसे हैं जो की समस्या को उत्पन कर सकते हैं, जैसे की वैक्सिनेशन (vaccination) का उनके उपर हो सकता है कोई प्रभाव ही ना हो। इस तरह के वेरिएंट को एक विशेष Greek alphabet का नाम, symbol दे दिया जाता है।
अभी तक लेम्डा वेरिएंट तक नाम दे दिया गया है। अब एक और नया वेरिएंट आ गया है जिसका नाम “Mu Variant” है।

पहली बार ये वेरिएंट जनवरी 2021 में कोलंबिया के अन्दर खोजा गया था। उसके बाद ये धीरे धीरे क़रीब 39 देश में फैल चूका है।
अभी तक आपने ज्यादातर डेल्टा वेरिएंट (delta variant) के बारे में सुना होगा। इस समय डेल्टा वेरिएंट सबसे ज्यादा पूरे विश्व में फैला हुआ है, लेकीन यहाँ पर “Mu Variant” समस्या खड़ी कर सकता है। अभी के लिए कोइ बहुत ज्यादा चिंता की बात नहीं है लेकीन फिर भी ये वेरिंट धीरे धीरे पुरे विश्व में फैलता जा रहा है।
इस वेरिएंट को WHO ने “Variant of interest” का नाम दे दिया है।
“Variant of interest” बोलने का मतलब क्या है?
आपको पता होगा कि कोविड के दौरान जो सबसे महत्त्वपूर्ण चीज़ की गई है पूरे विश्व भर में वो ये है कि रियल टाइम बेस पर हम पता लगा ले रहे हैं की कौन सा वेरिएंट ज्यादा समस्या पैदा कर सकता है। कुछ वेरिएंट ऐसे होते हैं जो की वैक्सिन को भी पलायन (escape) कर सकते हैं तो इस तरह के वेरिएंट को मूल रूप से सबसे पहले “Variant of interest” बोला जाता है मतलब उसके ऊपर ज्यादा निगरानी रखने की आवश्यकता है और ऐसा लगता है कि वो ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है तो उसको “Variant of interest” कहा जाता है।
Mu Variant में ऐसे ही कुछ गुण देखने को मिले हैं जिसकी वजह से इसे Variant of interest बोला गया है। अभी तक eta, iota, Kappa और lambda इन चार वेरिएंट को Variant of interest बोला गया है लेकिन अगर आगे चलकर ऐसे कुछ एविडेंस सामने आयेंगे जिससे ऐसा लगेगा की ये Mu Variant और ज्यादा समस्या बनता जा रहा है तो इसको “Variant of concern” में भी बदल दिया जा सकता है।
Variant of concern का मतलब है कि दुनिया को इसके ऊपर नज़र रखने की आवश्यकता है।
अभी तक Alpha, Beta, Gamma और Delta इन चार वेरिएंट को ही Variant of concern बोला गया है।
क्या ये वैक्सीन को भी पलायन (escape) कर सकता है? (Can it Escape Vaccines?)
अगर कोई वेरिएंट ऐसा है जो अपने रुप में बहुत ज्यादा बदलाव करते जा रहा है तो जाहिर सी बात है जो वैक्सीन बनाई गई है वो उसके ऊपर उतना प्रभाव नहीं होगा क्योंकी कोइ भी वैक्सीन उस समय के वेरिएंट के मुताबिक़ बनाई जाती है अगर कोई वेरिएंट बार बार अपना स्पाइक बदल रहा है तो उस वेरिएंट पर वो वैक्सीन पलायन (escape) भी कर सकती है।